भारत में न्याय व्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा उच्च न्यायालय (High Courts) होते हैं। हर राज्य या राज्यों के समूह में एक उच्च न्यायालय होता है, जो उस क्षेत्र के कानून संबंधी मामलों की सुनवाई करता है। यह अदालतें सुप्रीम कोर्ट के नीचे होती हैं और ज़िलों के सत्र न्यायालय (Lower Courts) से ऊपर। उच्च न्यायालयों में ऐसे मामले सुने जाते हैं, जिनमें संविधान की व्याख्या, राज्य के कानूनों की वैधता, या किसी अदालत द्वारा दिए गए फैसले की अपील की जा सकती है।
आइए जानते हैं भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के उच्च न्यायालयों के बारे में।
1. दिल्ली उच्च न्यायालय
- स्थापना: 1966
- दिल्ली का उच्च न्यायालय राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लिए है और यह संविधान व केंद्रीय कानूनों से जुड़े मामलों की सुनवाई करता है।
2. उत्तर प्रदेश – इलाहाबाद उच्च न्यायालय
- स्थापना: 1866
- यह भारत का सबसे पुराना उच्च न्यायालय है, जिसकी मुख्य बेंच इलाहाबाद में है और एक खंडपीठ लखनऊ में है।
3. महाराष्ट्र – बॉम्बे उच्च न्यायालय
- स्थापना: 1862
- मुंबई में स्थित बॉम्बे उच्च न्यायालय महाराष्ट्र, गोवा, और दमन और दीव के मामलों की सुनवाई करता है। इसकी नागपुर और औरंगाबाद में भी बेंच हैं।
4. मध्य प्रदेश – मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय
- स्थापना: 1956
- जब मध्य प्रदेश का गठन हुआ, तब इसका मुख्यालय जबलपुर में स्थापित किया गया। ग्वालियर और इंदौर में भी इसकी खंडपीठ हैं।
5. राजस्थान – राजस्थान उच्च न्यायालय
- स्थापना: 1949
- राजस्थान उच्च न्यायालय की मुख्य बेंच जोधपुर में है और जयपुर में इसकी खंडपीठ है।
6. तमिलनाडु – मद्रास उच्च न्यायालय
- स्थापना: 1862
- चेन्नई में स्थित इस उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ मदुरै में भी है।
7. पश्चिम बंगाल – कलकत्ता उच्च न्यायालय
- स्थापना: 1862
- यह भारत के सबसे पुराने उच्च न्यायालयों में से एक है और पश्चिम बंगाल और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के मामलों की सुनवाई करता है।
8. बिहार – पटना उच्च न्यायालय
- स्थापना: 1916
- बिहार राज्य का यह उच्च न्यायालय पटना में स्थित है।
9. कर्नाटक – कर्नाटक उच्च न्यायालय
- स्थापना: 1884
- बेंगलुरु में स्थित इस उच्च न्यायालय की धारवाड़ और गुलबर्गा में भी खंडपीठें हैं।
10. गुजरात – गुजरात उच्च न्यायालय
- स्थापना: 1960
- गुजरात राज्य का यह उच्च न्यायालय अहमदाबाद में स्थित है।
11. आंध्र प्रदेश – आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय
- स्थापना: 2019
- आंध्र प्रदेश का उच्च न्यायालय अमरावती में स्थित है। तेलंगाना के अलग होने से पहले यह हैदराबाद में था।
12. तेलंगाना – तेलंगाना उच्च न्यायालय
- स्थापना: 2019
- हैदराबाद में स्थित यह उच्च न्यायालय तेलंगाना राज्य के मामलों की सुनवाई करता है।
13. पंजाब और हरियाणा – पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय
- स्थापना: 1947
- चंडीगढ़ में स्थित इस उच्च न्यायालय के अंतर्गत पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के न्यायिक मामले आते हैं।
14. उत्तराखंड – उत्तराखंड उच्च न्यायालय
- स्थापना: 2000
- नैनीताल में स्थित यह उच्च न्यायालय उत्तराखंड राज्य के मामलों की सुनवाई करता है।
15. छत्तीसगढ़ – छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय
- स्थापना: 2000
- बिलासपुर में स्थित इस उच्च न्यायालय के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य के न्यायिक मामले आते हैं।
16. झारखंड – झारखंड उच्च न्यायालय
- स्थापना: 2000
- रांची में स्थित यह उच्च न्यायालय झारखंड राज्य के मामलों की सुनवाई करता है।
17. ओडिशा – उड़ीसा उच्च न्यायालय
- स्थापना: 1948
- कटक में स्थित यह उच्च न्यायालय ओडिशा राज्य के न्यायिक मामलों की सुनवाई करता है।
18. असम, नागालैंड, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश – गुवाहाटी उच्च न्यायालय
- स्थापना: 1948
- गुवाहाटी में स्थित यह उच्च न्यायालय असम के अलावा नागालैंड, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश के न्यायिक मामलों की भी सुनवाई करता है।
19. केरल – केरल उच्च न्यायालय
- स्थापना: 1956
- कोच्चि में स्थित यह उच्च न्यायालय केरल और लक्षद्वीप के मामलों की सुनवाई करता है।
20. सिक्किम – सिक्किम उच्च न्यायालय
- स्थापना: 1975
- गंगटोक में स्थित यह उच्च न्यायालय सिक्किम राज्य के न्यायिक मामलों की सुनवाई करता है।
21. त्रिपुरा – त्रिपुरा उच्च न्यायालय
- स्थापना: 2013
- अगरतला में स्थित यह उच्च न्यायालय त्रिपुरा राज्य के न्यायिक मामलों की सुनवाई करता है।
22. मेघालय – मेघालय उच्च न्यायालय
- स्थापना: 2013
- शिलॉंग में स्थित यह उच्च न्यायालय मेघालय राज्य के मामलों की सुनवाई करता है।
23. मणिपुर – मणिपुर उच्च न्यायालय
- स्थापना: 2013
- इंफाल में स्थित यह उच्च न्यायालय मणिपुर राज्य के न्यायिक मामलों की सुनवाई करता है।
24. गोवा – बॉम्बे उच्च न्यायालय की गोवा बेंच
- गोवा राज्य के लिए बॉम्बे उच्च न्यायालय की एक अलग बेंच है, जो पणजी में स्थित है।
उच्च न्यायालय का महत्व
उच्च न्यायालयें राज्य या क्षेत्रीय स्तर पर न्याय दिलाने के लिए आवश्यक होती हैं। यह न केवल न्याय प्रदान करती हैं, बल्कि न्यायिक सुधारों और संविधान की रक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उच्च न्यायालयों में संवैधानिक व्याख्या, मौलिक अधिकारों की सुरक्षा और कानूनों की वैधता की जांच होती है, जिससे देश में न्याय व्यवस्था की मजबूती बनी रहती है।
निष्कर्ष
भारत के उच्च न्यायालय न्यायिक व्यवस्था की रीढ़ हैं। ये अदालतें सुनिश्चित करती हैं कि देश में न्याय सुलभ और निष्पक्ष रूप से मिले, और यह भी कि प्रत्येक व्यक्ति के अधिकारों की रक्षा हो सके।